पासवर्ड तो घर पे भूल गए.....! ! ! !
ये वाक्या उन दिनों का है जब मैं पत्रकारिता विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय का छात्र था. उन दिनों विभाग में एक सेमिनार चल रही थी, बड़े गुरूजी को कुछ आवश्यक पत्रों को टाइप करवाना था, शायद typist का मूड टाइप करने का नहीं था, कई बार बुलवाने पर जब वो आये तो बड़े गुरूजी हाथ मलते हुए उनपर बरस पड़े. Typist बाबू बड़े गुरूजी की कमजोरियां जानते थे, तुरंत ही विनम्रता से माफ़ी मांगते हुए बोल पड़े "टाइप तो कर देते सर पर कंप्यूटर का पासवर्ड घर पर ही छूट गया है". फिर क्या था बड़े गुरूजी भी बरस पड़े, "इतनी जरुरी चीज़ तुम लोग घर पर कैसे छोड़ आते हो, ये तो लापरवाही की हद है, यहाँ कंप्यूटर पर काम है और तुम पासवर्ड घर पे रख के आ गए, चलो किसी को भेज के तुरंत मंगवा लो". Typist बाबू बाहर आते हँसी का गुब्बारा हो गए और अंदर बैठे बड़े गुरूजी ये सोच कर प्रेशर कूकर हो रहे थे कि यहाँ सब कितने लापरवाह हो गए हैं.
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guruji bechare hitech nahi ho paaye
ReplyDeleteaajkal jo wahan young guru ji hain unka to aadha time orkut par hi jaata hai, wo kuch jaada hi advance hain...lol
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