घोड़ा घास से यारी करेगा तो खायेगा क्या?
लखनऊ की फैजाबाद रोड पर बनी मॉडल शॉप के अंदर अंगूर की बेटी अंगडाई ले रही थी. बाहर गाड़ियों की कतारे लगी थी जिनकी व्यवस्था में एक गार्ड तैनात था. थोड़ी ही दूर पे पुलिस चौकी थी जहाँ तैनात पुलिस वाले बड़ी मुस्तैदी से दो पहिया वाहनों की चेकिंग कर रहे थे. लेकिन मैं ये सोच रहा था की जब शराब पी के गाडी चलाना जुर्म है और मॉडल शॉप पर खड़ी हर गाडी अंततः वहां से बाहर निकलने वाला ही कोई ले के जायेगा तो पुलिस वालों की नजर उनपे क्यों नहीं पड़ती? काम कितना आसान है, बाहर खड़े रहो, जो भी गाड़ी लेने आये, एक चालान थमा दो. लेकिन तुरंत ही मुझे अपनी भूल का अहसास हो गया, मैं भूल गया था कि घोड़ा घास से यारी करेगा तो खायेगा क्या?
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आपके ब्लॉग पर आकर अच्छा लगा. हिंदी लेखन को बढ़ावा देने के लिए आपका आभार. आपका ब्लॉग दिनोदिन उन्नति की ओर अग्रसर हो, आपकी लेखन विधा प्रशंसनीय है. आप हमारे ब्लॉग पर भी अवश्य पधारें, यदि हमारा प्रयास आपको पसंद आये तो "अनुसरण कर्ता" बनकर हमारा उत्साहवर्धन अवश्य करें. साथ ही अपने अमूल्य सुझावों से हमें अवगत भी कराएँ, ताकि इस मंच को हम नयी दिशा दे सकें. धन्यवाद . आपकी प्रतीक्षा में ....
ReplyDeleteभारतीय ब्लॉग लेखक मंच
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