घोड़ा घास से यारी करेगा तो खायेगा क्या?
लखनऊ की फैजाबाद रोड पर बनी मॉडल शॉप के अंदर अंगूर की बेटी अंगडाई ले रही थी. बाहर गाड़ियों की कतारे लगी थी जिनकी व्यवस्था में एक गार्ड तैनात था. थोड़ी ही दूर पे पुलिस चौकी थी जहाँ तैनात पुलिस वाले बड़ी मुस्तैदी से दो पहिया वाहनों की चेकिंग कर रहे थे. लेकिन मैं ये सोच रहा था की जब शराब पी के गाडी चलाना जुर्म है और मॉडल शॉप पर खड़ी हर गाडी अंततः वहां से बाहर निकलने वाला ही कोई ले के जायेगा तो पुलिस वालों की नजर उनपे क्यों नहीं पड़ती? काम कितना आसान है, बाहर खड़े रहो, जो भी गाड़ी लेने आये, एक चालान थमा दो. लेकिन तुरंत ही मुझे अपनी भूल का अहसास हो गया, मैं भूल गया था कि घोड़ा घास से यारी करेगा तो खायेगा क्या?
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